आयुर्वेदिक चिकित्सा

आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस पौधे को पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है।आयुर्वेद में इसको खरैटी के नाम से भी जाना जाता है ।यौन संबंधी बिमारियों को दूर करने में यह रामबाण औषधि साबित होता है ।प्राचीन काल से ही इस पौधे का उपयोग अनेक रोगों की रोकथाम के लिए होता रहा है ।यौन शक्ति से संबंधित समस्याएं जैसे यौन कमजोरी ,धातु दुर्बलता ,नपुंसकता ,शीघ्रपतन जैसी गंभीर बिमारियों को दूर करने में मददगार साबित होता है ।

खरैटी का परिचय :

आयुर्वेद चिकित्सा में खरैटी के पौधे की जड़ और फल का इस्तेमाल अनेक प्रकार की औषधियाँ बनाने के लिए किया जाता रहा है ।अतिबला के पौधे की लम्बाई ३ से ५ मीटर तक हो सकती है जो झड़ी के आकार में विकसित होता है ।खरैटी के फूल सफेद और पीले रंग के होते हैं ।इसके बीज छोटे भूरे रंग के होते हैं ।

खरैटी के औषधीय गुण :

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार यह पौधा अनेक औषधीय गुणों की खान माना जाता है जैसे शीतवीर्य ,मधुर रस से युक्त ,शरीर को बल प्रदान करने वाला ,कान्ति दायक ,वात और रक्त दोषों का नाशक ,रक्त विकार और व्रण को दूर करने वाला होता है ।इस लेख में हम खरैटी के बिमारियों को खत्म करने वाले आयुर्वेदिक फायदों के बारे में जानकारी प्राप्त करेगें ।

व्याख्या

इस श्लोक में कहा गया है कि अतिबला शीतवीर्य ,मधुरस युक्त ,शरीर का बल बढ़ाने वाली ,कान्ति कारक,स्निग्ध एवं ग्राही होती है और वायु ,रक्तपित्त ,रक्तविकार तथा व्रण को दूर करने वाली होती हैं ।

संदर्भ-- भावप्रकाश निघण्टु,(गुडुच्यादिवर्ग ),श्लोक -१४४ ।

खरैटी के आयुर्वेदिक अदभुत गुण आइये जानते हैं

मूत्राशय की समस्या को दूर करे :

अगर किसी भी व्यक्ति को मूत्राशय से संबंधित कोई भी समस्या जैसे पेशाब में जलन होना ,पेशाब का रुक रुक के आना या अंडकोषों में दर्द इन सभी में खरैटी की जड़ का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है ।आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार इन समस्याओं से ग्रसित व्यक्ति को अतिबला की जड़ से चूर्ण तैयार करके उसका एक चम्मच १ गिलास गुनगुने पानी के साथ सुबह खाली पेट रोजाना सेवन करनाचाहिए,इससे आपकी मूत्राशय की बीमारियां बहुत जल्दी दूर हो जाती हैं ।यह प्रयोग बिमारियों से मुक्त रखने में मददगार साबित होता है ।

खांसी को दूर करने में सहायक :

आयुर्वेद के अनुसार खरैटी का पौधा खांसी को दूर करने में लाभकारी साबित हो सकता है अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए ।इसके सेवन के लिए आपको खरैटी के फूल ,अडूसा के पत्तों और अंगूर को बराबर मात्रा में पीसकर इस मिश्रण को रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से खांसी की समस्या बहुत जल्दी दूर हो जाती है ।यह प्रयोग श्वांस नली को स्वस्त और मजबूत रखने में मददगार साबित होता है ।

मसूड़ों के लिए लाभकारी :

आयुर्वेद के अनुसार मसूड़ों को स्वस्थ रखने में खरैटी का अर्क महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।अगर किसी भी व्यक्ति को मसूड़ों में दर्द रहता है तो उसको नियमित रूप से अतिबला पौधे की जड़ से अर्क तैयार करके उसके साथ सुबह और शाम गरारे करने से मसूड़ों का दर्द और सूजन बहुत जल्दी खत्म हो जाती है ।यह प्रयोग मसूड़ों को मजबूत बनाए रखने में सहायक साबित होता है।

नपुंसकता को दूर करने में मददगार :

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार खराब दिनचर्या और गलत खान पान की वजह से आज लोगों की यौन शक्ति बहुत जल्दी कमजोरी हो जाती है जो आगे चलकर नपुंसकता की गंभीर बीमारी में बदल जाती है ।इस गंभीर समस्या को दूर करनाचाहिए,इससेके लिए आपको खरैटी के बीजों से ५ से १० ग्राम चूर्ण के अंदर १ चम्मच मिश्री का मिश्रण करके १ गिलास देसी गाय के दूध के साथ सुबह और शाम खाना खाने के १ घंटे बाद रोजाना सेवन करने से आपकी यौन कमजोरी बहुत जल्दी दूर हो जाती है ।यह प्रयोग नपुंसकता को दूर कर वीर्य को बढ़ाने में मददगार साबित होता है जिससे आपकी यौन शक्ति मजबूत बनी रहती है।

पेट की बिमारियों में लाभकारी :

आज कल लोगों को पेट की बीमारियों से बहुत जल्दी ग्रसित कर देती हैं जिसकी सबसे बड़ी वजह आज कल का फ़ास्ट फ़ूड और तला हुआ खाना जो आपके शरीर में अच्छे से पच नहीं पाता और पेट कब्ज ,गैस ,दर्द और अल्सर जैसी हानिकारक बिमारियों को जन्म देता है जाता है ।इन सभी बिमारियों को खत्म करने और अपने पेट को स्वस्थ रखने के लिए आपको अतिबला की जड़ और सोंठ को बराबर मात्रा में पीसकर एक चम्मच रात को देसी गाय के दूध के साथ सेवन करने से सुबह आपका पेट अच्छे से साफ हो जाता है और आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त बनी रहती है जिससे आपका पेट बिमारियों से बचा रहता है ।

सूजन को कम करे :

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को त्वचा में सूजन या घाव हो गया है तो उसको अतिबला का इस्तेमाल करना लाभकारी हो सकता है ।इसके उपयोग के लिए अतिबला की छाल को जलाकर उसके साथ सूजन को सेंक लगाने से त्वचा की सूजन जल्दी खत्म हो जाती है ।यह प्रयोग त्वचा को संक्रमण से बचाए रखने में लाभदायक माना जाता है ।

ल्यूकोरिया को खत्म करे :

आज के समाज में ल्यूकोरिया यानि सफेद पानी की समस्या से लगभग हर महिला ग्रसित है ।इस समस्या में महिलाओं की योनि से सफेद पानी निकलता है जो हानिकारक संक्रमण को उत्पन कर सकता है ।इसके उपयोग के लिए आपको अतिबला की जड़ का चूर्ण तैयार करके उसका १ चम्मच सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ रोजाना सेवन करना चाहिए,इस से ल्यूकोरिया की बीमारी जल्दी दूर हो जाती है ।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक :

गलत खान पान और शारीरिक कार्य ना करने की वजह से लोगों की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है ।जिसकी वजह से वो बहुत जल्दी बीमार पड़ने लग जाते हैं ।अपने शरीर को बिमारियों से सुरक्षित रखने और शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाने के लिए आपको खरैटी के बीजों का सेवन करना लाभकारी माना जाता है ।इसके उपयोग के लिए खरैटी के बीजों का चूर्ण तैयार करके रात को सोने से पहले १ चम्मच चूर्ण देसी गाय के दूध के साथ रोजाना सेवन करने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है ।

Author's Bio: 

DR. Vikram Chauhan, MD - AYURVEDA is an expert Ayurvedic practitioner based in Chandigarh, India and doing his practice in Mohali, India. He is spreading the knowledge of Ayurveda Ancient healing treatment, not only in India but also abroad. He is the CEO and Founder of Planet Ayurveda Products, Planet Ayurveda Clinic, and Krishna Herbal Company. For more info visit our website: http://www.planetayurveda.com